Chhath Puja Date 2020, Chhath Puja 2020, chhath puja, Kharna, nahay khay, Chhath Puja 2020: आज से छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है. आज नहाय खाय है. व्रति महिलाएं इसकी प्रक्रिया पूरी करने में जुी हुई है. नहाय खाय के दिन गंगा स्नान करने का चलन है. इस दिन घर की पूरी सफाई की जाती है और छठी मइया के स्वागत के लिए घर आंगन, घर के आगे और पीछे हर स्थान की सफाई होती है. छठ का पर्व चार दिनों का होता है और इसका व्रत सभी व्रतों में सबसे कठिन होता है. इसलिए इसे महापर्व के नाम से जाना जाता है. हिन्दी पंचाग के अनुसार, छठ पूजा का खरना कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है. खरना को लोहंडा भी कहा जाता है. इसका छठ पूजा में विशेष महत्व होता है. खरना के दिन छठ पूजा के लिए विशेष प्रसाद बनाया जाता है. खरना के दिन भर व्रत रखा जाता है और रात प्रसाद स्वरुप खीर ग्रहण किया जाता है. इस बार छठ पूजा 18 नवंबर से 21 नवंबर पर चलेगी.
छठ पूजा में सफाई का बहुत ही महत्व होता है. छठ पूजा का प्रसाद बनाने वाली जगह साफ-सुथरी होनी चाहिए. प्रसाद को गंदे हाथों से न तो छूना चाहिए और न ही बनाना चाहिए.
– नहाय-खाय के दिन सभी व्रती सिर्फ शुद्ध आहार का सेवन करें.
– खरना या लोहंडा के दिन शाम के समय गुड़ की खीर और पूरी बनाकर छठी माता को भोग लगाएं. सबसे पहले इस खीर को व्रती खुद खाएं बाद में परिवार और ब्राह्मणों को दें.
ठेकुआ, मालपुआ, खीर, खजूर, चावल का लड्डू और सूजी का हलवा आदि छठ मइया को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है.
कार्तिक माह की शुक्लपक्ष पंचमी को महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम को भोजन करती हैं. शाम को गुड़ से खीर बनाकर खाई जाती है. इस विधि को खरना कहा जाता है.